| जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग - संरचनायद्यपि पेयजल प्रबन्धन प्रान्त की परम्परा रही है तथापि इस क्षेत्र में विशेष कार्य स्वतंत्रता के पश्चात प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भ मे यह कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन था। बाद में प्रान्त की परिस्थतियां एवं इस क्षेत्र में अधिक कार्य की आवश्यकता को देखते हुये वर्ष 1965 में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की स्थापना हुई। आवश्यकता तथा कार्यभार के संदर्भ में क्रमश: विभाग का विस्तार हुआ तथा वर्तमान स्थिति सामने आई।
 वर्तमान मे विभाग मुख्य दो भागो में निम्न प्रकार संरचित है :-
 1- राजस्थान जलप्रदाय एवं सीवरेज प्रबन्ध मण्डल2- जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग
 उपरोक्त वर्णित भागों का सूक्ष्म में विवरण निम्न प्रकार है।
 राजस्थान जल प्रदाय एवं सीवरेज प्रबन्ध मण्डल
 जैसा कि नाम से भी स्पष्ट है, राजस्थान जलप्रदाय एवं सीवरेज प्रबन्ध मण्डल का प्रमुख कार्य विभागीय गतिविधियों का प्रबन्ध,नीतिगत निर्णय, विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति, धन प्रबन्धन आदि है। संदर्भित बोर्ड के अध्यक्ष माननीय मंत्री महोदय, जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग है और इस बोर्ड में वित्त विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, आयोजना विभाग, पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग का प्रतिनिधित्व है। विभाग के तकनीकी सदस्य, वित्तिय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी और अन्य मुख्य अभियन्ता इसके सदस्य है।
 इस प्रबन्ध मंडल की मुख्य समितियां निम्न प्रकार है।
 1- नीति निर्धारण समिति2- एमपावर्ड बोर्ड समिति
 3- वित्त समिति
 4- तकनीकी समिति
 5- स्टॉफ समिति
 1- नीति निर्धारण समिति -नीति निर्धारण समिति के अध्यक्ष माननीय मंत्री महोदय, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग है और इसके सदस्यो में शासन प्रमुख सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, विभाग के मुख्य अभियन्ता और वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी है ।  इस समिति में वित्त एवं आयोजना विभाग का प्रतिनिधित्व भी होता है।
 नीति निर्धारण समिति नीति विषयक मामलों पर चर्चा कर उन्हे निर्णित करती है और इसी समिति के द्वारा निर्णित नीति पर विभाग के कार्यकलाप आधारित है। रु. 5 करोड से अधिक लागत की योजनाओं का अनुमोदन एवं योजना के प्रकार मे परिवर्तन को इस समिति के द्वारा स्वीकृति दी जाती है।
 2- एमपावर्ड बोर्ड समिति -इस समिति के अध्यक्ष माननीय  राज्य मंत्री महोदय जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग है और समिति में शासन प्रमुख सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग हैं।  इसमें  आयोजना विभाग तथा वित्त विभाग का भी प्रतिनिधित्व होता है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियन्ता और वित्तिय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी इसके सदस्य होते है।
 3- वित्त समिति -
 शासन प्रमुख सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग इस समिति के अध्यक्ष है एवं बोर्ड के वित्तिय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी एवं विभाग के मुख्य अभियन्तागण इस समिति के सदस्यगण है । इस समिति में वित्त विभाग का भी प्रतिनिधित्व है ।  यह समिति उपापन (प्रोक्योरमेट) के सभी मामले हेतु सक्षम है। रु. 5 करोड से अधिक लागत तक की योजनाओं को इस समिति द्वारा PPC से अनुमोदन एवम् वित्त विभाग की सहमती पर स्वीकृति दी जाती है।
 4- तकनीकी समिति -
 तकनीकी समिति में विभाग के एक मुख्य अभियन्ता जो बोर्ड के तकनीकी सदस्य है इस समिति के अध्यक्ष है एवं बोर्ड के वित्तिय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी एवं मुख्य अभियन्तागण इस समिति के सदस्यगण है। तकनीकी समिति को तकनीकी विषयकों के निस्तारण का अधिकार है और 25 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव की तकनीकी स्वीकृति दिये जाने के लिये यह समिति पूर्ण रुप से सक्षम है। अन्य मामले तकनीकी समिति अपने स्तर पर परिक्षण कर उन्हे स्वीकृति के लिये वित्त समिति / निति निर्धारण समिति / प्रशासनिक विभाग को प्रस्तुत करती है।
   5- स्टॉफ कमेटी -वित्त सचिव स्टॉफ कमेटी के अध्यक्ष है और सचिव, जन स्वास्थ्य अभियात्रिकी विभाग, तकनीकी सदस्य, वित्तिय सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी एवं मुख्य अभियन्ता (शहरी एवम् एन.आर.डब्ल्यू.) इसके सदस्य है। यह समिति समय-समय पर नये पदों के सृजन और पदों सम्बन्धी रिव्यू का कार्य करती है।  वर्तमान मे नये पदो का स़जन एवं पदो के रिव्यू संबधित कार्य सीधे ही मुख्य अभियन्ता (प्रशासन) एवं प्रशासनिक विभाग के माध्यम से किया जा रहा है ।
 जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की संरचना : वर्तमान मे शासन प्रमुख सचिव,  जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग इस विभाग के प्रशासनिक मुखिया है। विभाग में मुख्य अभियन्ता (9 पद), अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता(22 पद विभाग मे एवं 4 पद एक्सकेडर/ प्रतिनियुक्ति के अन्य विभागो मे), अधीक्षण अभियन्ता(82 पद विभाग मे एवं 4 पद एक्सकेडर/ प्रतिनियुक्ति के अन्य विभागो मे), अधिशासी अभियन्ता(398 पद विभाग मे एवं 52 पद एक्सकेडर/ प्रतिनियुक्ति के अन्य विभागो मे), सहायक अभियन्ता(1631 पद विभाग मे एवं 150 पद एक्सकेडर/ प्रतिनियुक्ति के अन्य विभागो मे), एवं कनिष्ठ अभियन्ता (1136 पद), तथा रसायनज्ञ , भूजल वैज्ञानिक, विधि अधिकारी, कार्मिक अधिकारीगणों के द्वारा मुख्य विभागीय कार्य संपादित किया जाता है।
   विभिन्न मुख्य अभियंताओं का कार्य क्षेत्र निम्न प्रकार है :- 1- मुख्य अभियंता (प्रशासन) , जयपुर :-
 राजपत्रित एवं अराजपत्रित संवर्ग का समस्त संस्थापन कार्य, वादकरण एवं जॉच संबधी कार्य, सर्तकता,प्रशिक्षण सैल का कार्य, गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ (समस्त वृहद परियोजनाओं सहित)
  2- मुख्य अभियंता (तकनीकी) एवं पदेन तकनीकी सदस्य, आरडब्ल्यूएसएसएमबी, जयपुर :- तकनीकी सदस्य, आरडब्ल्यूएसएसएमबी के समस्त कार्य, मानकीकरण, विशिषिठियॉ एवं डिजाईन प्रकोष्ठ से संबिधत समस्त कार्य, बी एस आर निर्धारण का कार्य
  3- मुख्य अभियंता ( शहरी एवं एन.आर.डब्ल्यू.), जयपुर :- सभी शहरी जल योजनाओ से संबधित समस्त कार्य (JNNURM / UIDSSMT / RUIDP / AMRUT) एवं नोडल अधिकारी शहरी योजनाये संवैदको का पंजीकरण, वस्तु व्यवस्था सैल का समस्त कार्य, बजट प्रकोष्ठ का कार्य
  4- मुख्य अभियंता (ग्रामीण), जयपुर :- राज्य की समस्त ग्रामीण जलप्रदाय योजनाओं से संबधित समस्त कार्य एवं नोडल अधिकारी ग्रामीण योजनाये ड्रिलिंग विंग का कार्य NRDWP संबधित समस्त कार्य
  5- मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना), जयपुर :-सभी वृहद परियोजनाओं जिनकी लागत 50 करोड से अधिक है, से संबधित समस्त कार्य ( मुख्य अभियंता जोधपुर, मुख्य अभियंता पीएमयू नागौर एवं मुख्य अभियंता, उदयपुर को आवंटित कार्यो को छोडकर ) नोडल अधिकारी वृहद परियोजनाये
    6- मुख्य अभियंता (परियोजना), जोधपुर  :- जोधपुर संभाग से संबिधत समस्त वृहद परियोजनाओ का कार्य
  7 - मुख्य अभियंता, पीएमयू नागौर :- नागौर जिले की वृहद परियोजनाओ का कार्य ( नागौर लिफट परियोजना का प्रथम चरण), JICA पोषित परियोजना का समस्त कार्य
 विभिन्न अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं का कार्यक्षेत्र जिले अनुसार :-
 1- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र प्रथम, जयपुर :-
 इनके अधीन सीकर,  दौसा एवं झुन्झुनु जिले है।
  2- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र दितीय, जयपुर :-   इनके अधीन जयपुर जिले की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल योजनाओ का कार्य है।
 3- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र भरतपुर :-  इनके अधीन भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर जिले है।
 
 4- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र कोटा :-
 इनके अधीन कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिले है।
 5- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र प्रथम, जोधपुर :- इनके अधीन जोधपुर, एवं पाली जिलें है।
  6- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र दितीय, जोधपुर :- इनके अधीन सिरोही, जालौर, बाड़मेर तथा जैसलमेर जिलें है।
  7- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र बीकानेर :-  इनके अधीन बीकानेर, हनुमानगढ़ एवं गंगानगर जिलें हैं।
 
 8- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, क्षेत्र अजमेर :-
 इनके अधीन अजमेर, भीलवाडा़, टोंक व नागौर जिले है।
 9 - अतिरिक्त मुख्य अभियंता, उदयपुर :- इनके अधीन  उदयपुर, डूंगरपुर, बॉसवाडा, राजसमंद, चित्तोडगढ,एवं प्रतापगढ जिले है।
 10- अतिरिक्त मुख्य अभियंता, परियोजना क्षेत्र जयपुर :-  इनके अधीन जयपुर एवं टोंक जिले की वृह्द परियोजनाओं सम्बन्धी कार्य है ।
  11- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (परियोजना) , अजमेर :- इनके अधीन अजमेर एवं भीलवाडा जिले की वृह्द परियोजनाओं सम्बन्धी कार्य है ।
  12- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (परियोजना) , भरतपुर :- इनके अधीन भरतपुर, धौलपुर ,करौली एवं सबाईमाधोपुर जिले की वृह्द परियोजनाओं सम्बन्धी कार्य है ।
  13- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (परियोजना) , चुरू :- इनके अधीन चूरू, बीकानेर, सीकर एवं झूझंनू जिले की वृह्द परियोजनाओं एवं चुरू जिले का O&M सम्बन्धी कार्य है।
  14- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (परियोजना) , बाडमेर :- इनके अधीन जैसलमेर, बाडमेर जिले की वृह्द परियोजनाओं सम्बन्धी कार्य है।
  15- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (एन सी आर), अलवर  :-इनके अधीन अलवर जिले का कार्य (एनसीआर के कार्यो सहित) है
  16 - अतिरिक्त मुख्य अभियंता, ड्रिलिंग क्षेत्र जयपुर :- इनके द्वारा विभागीय रिगों से नलकूप बनाने का कार्य देखा जाता है।
  17 - अतिरिक्त मुख्य अभियंता (ग्रामीण), जयपुर :-  यह मुख्य अभियन्ता (ग्रामीण) के कार्यो में सहयोग करते हैं।
  18- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी), जयपुर :-  यह मुख्य अभियन्ता (मुख्यालय) के कार्यो में सहयोग करते है।
   19- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (गुणवत्ता नियन्त्रण), जयपुर :-इनके द्वारा मुख्य अभियंता (प्रशासन) के अधीन गुणवत्ता नियन्त्रण प्रकोष्ठ का कार्य देखा जाता है।
  20- अतिरिक्त मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना), जयपुर :-यह मुख्य अभियन्ता (विशेष परियोजना) के कार्यो में सहयोग करते है।
  21- अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं पदेन सचिव (आर.डब्ल्यू.एस.एस.एम.बी.), जयपुर :-यह आर.डब्ल्यू.एस.एस.एम.बी. समबन्धित कार्यो का संपादन एवं विभिन्न समितियों की बैठकों का आयोजन का कार्य करते हैं।
  रसायन शाखाजल की रासायनिक एवं जीवाणु परीक्षण जांच, वितरित किये जा रहे पेयजल की गुणवत्ता जांच एवं परीवीक्षण हेतु विभाग में रसायनज्ञ शाखा कार्यरत है। इस कार्य हेतु प्रान्त के सभी 33 जिलों में प्रयोगशालाएं कार्यरत है। इस शाखा में निम्न पदों पर अधिकारी कार्यरत है।
 
 1- मुख्य रसायनज्ञ
 2- अधीक्षण रसायनज्ञ
 3- वरिष्ठ रसायनज्ञ
 4- कनिष्ठ रसायनज्ञ
 5- जीव विज्ञानी
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