प्रयोगशालाऐं (Laboratories)
विभागीय जल प्रदाय योजनाओं कि पेयजल गुणवत्ता जांच, सर्वेक्षण, नियत्रंण तथा निगरानी हेतु राज्य के सभी 33 जिलों में यंत्रों एवं उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालायें कार्यरत है। राज्य की सभी विभागीय प्रयोगषालाऐं NABL से मान्यता प्राप्त है।
इन प्रयोगशालाओं में जल एवं सीवेज के भोैतिक, रासायनिक एवं जीवाणु परीक्षण के अतिरिक्त जल शोधन एवं स्वच्छीकरण, नलकूप वेधन एवं निर्माण में प्रयुक्त विभिन्न रसायनों ब्लीचिंग पाउडर, एलुमिना फैरिक, बैन्टोनाइट, फिल्टर सैन्ड तथा ग्रेवल का गुणवत्ता परीक्षण भी किया जाता है।
जयपुर मुख्यालय पर मुख्य रसायनज्ञ पदस्थापित है जिनके अधीन एक जीव वैज्ञानिक भी कार्यरत है। इसके अतिरिक्त एक सचल प्रयोगषाला है जिसमें जल विष्लेषण की सुविधा उपलब्ध है यह सचल प्रयोगषाला राजस्थान के दूरस्थ इलाकों में आकस्मिक आवश्यकतानुसार जल गुणवत्ता, नियत्रांण एवं निगरानी का कार्य करती है।
जिला प्रयोगषालाएं विभागीय जलप्रदाय योजनाओं की जल गुणवत्ता नियंत्रण एवं प्रभावी मोनिटरिंग के अतिरिक्त दूषित पेयजल, मौसमी बीमारियों एवं जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जल शुद्विकरण एवं पेयजल गुणवत्ता की प्रभावी मोनेटरिंग का कार्य सुचारु रुप से कर रही है। इनके अतिरिक्त राज्य के 20 जिलों में आउट सोर्सिगं के माध्यम से एक-एक सचल प्रयोगषाला की स्थापना की गई है, जिनके द्वारा जिले की सभी ग्राम पंचायतो के जल स्त्रोतो का जीवाणु व रासायनिक परीक्षण का कार्य किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत 31.03.2022 तक 44289 जल नमूनों का जीवाणु व रासायनिक परीक्षण कार्य किया गया है।
विभागीय पेयजल योजनाओं से की जा रही जलापूर्ति में जल गुणवत्ता परीक्षण एवं समुचित क्लोरीनीकरण की जांच के सामयिक प्रबन्ध कर जलगुणवत्ता सुनिश्चित की जाती र्है। जल गुणवत्ता जांच एवं निगरानी परिणामों की साप्ताहिक समीक्षा कर जल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के ठोस प्रयास किये गये।
वर्ष 2020-21 में दिनांक 01.04.2020 से 31.03.2021 तक विभागीय प्रयोगशाओं में कुल 272706 जल नमूनों का परीक्षण किया गया जिसका विवरण निम्नानुसार है
क्र.स. | विवरण | लक्ष्य | उपलब्धि |
1 | रासायनिक परीक्षण | 36250 | 44751 |
2 | जीवाणु परीक्षण | 76750 | 84484 |
3 | अवशेष क्लोरीन | 123250 | 143471 |
विभागीय प्रयोगषालाओं द्वारा वर्ष 2022-23 में दिनांक 01.04.2021 से 31.03.2022 तक विभागीय प्रयोगशालाओं में कुल 2,66,490 जल नमूनों का परीक्षण किया गया जिसका विवरण निम्नानुसार है-
क्र.स. | विवरण | लक्ष्य | उपलब्धि |
1 | रासायनिक परीक्षण | 36750 | 40726 |
2 | जीवाणु परीक्षण | 76750 | 85531 |
3 | अवशेष क्लोरीन परीक्षण | 123250 | 140233 |
सचल प्रयोगषाला (Mobile Lab) - मुख्य रसायनज्ञ के अधीन मुख्यालय जयपुर पर एक सचल प्रयोगषाला कार्यरत है जिसमें सभी प्रकार के जल विष्लेषणो की सुविधा उपलब्ध है यह सचल प्रयोगषाला राजस्थान के दूरस्थ इलाकों में आकस्मिक आवश्यकतानुसार जल गुणवत्ता, नियत्रांण एवं निगरानी का कार्य करती है। वर्ष 2021-22 में सचल प्रयोगषाला के लक्ष्य एवं उपलब्धियां निम्नानुसार है-
क्र.स. | विवरण | लक्ष्य | उपलब्धि |
1 | रासायनिक परीक्षण | 1000 | 1039 |
2 | जीवाणु परीक्षण | 1500 | 2038 |
3 | अवशेष क्लोरीन | 4000 | 4102 |
वर्ष 2021-22 में 31.03.2022 तक सचल प्रयोगषाला के लक्ष्य एवं उपलब्धियां निम्नानुसार है-
क्र.स. | विवरण | लक्ष्य | उपलब्धि |
1 | रासायनिक परीक्षण | 1000 | 1006 |
2 | जीवाणु परीक्षण | 2000 | 2021 |
3 | अवशेष क्लोरीन | 4000 | 4000 |
सतही जल स्त्रोत (Surface Water Source) - सभी विभागीय प्रयोगषालाओं द्वारा जिले में स्थित सतही जल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता का विष्लेषण वर्ष में दो बार पूर्व एवं मानसून पष्चात कर सतही जल स्त्रोतों की जल गुणवत्ता का मुल्यांकन किया जाता है।
विष्लेषण गुणवत्ता नियन्त्रण (AQC) - विभागीय प्रयोगषालाओं विष्लेषण गुणवत्ता निर्धारण हेतु जल नमूनों का सम्बन्धित प्रयोगषाला एवं केन्द्रीय प्रयोगषाला में विष्लेषण कर जांच परिणामों का तुलनात्मक अध्ययन कर विष्लेषण गुणवत्ता पर नियन्त्रण रखा जाता है। इसी प्रकार संभागीय स्तर पर भी जल नमूनों का क्रास चैक किया जाता है।
मैटीरियल जांच (Material Analysis)- विभागीय संविदा दर के अन्तर्गत जल षोधन में प्रयुक्त ब्लीचिंग पाउडर, एलुमिना फैरिक, बैन्टोनाइट, फिल्टर सैन्ड, ग्रेवल तथा फिल्ड टैस्टिंग किट्स का विभागीय प्रयोगषालाओं द्वारा समय-समय पर आवष्यकतानुसार विष्लेषण किया जाता है।
जल जीवन मिषन (JJM):-इस कार्यक्रम के अर्न्तगत वित्तीय वर्ष वित्तीय वर्ष 2021-22 में 31.03.2022 तक जिला प्रयोगषालाओं द्वारा कुल 96528 जल नमूनों का परीक्षण किया गया है।